प्रगतितिहासिक काल (Protohistoric Period)
यह काल पैग़तीहासिक (Prehistoric) और ऐतिहासिक (Historic) युग के बीच का समय होता है। इस काल में लोग लिपि का उपयोग तो करने लगे थे, लेकिन वह लिपि अब तक पढ़ी नहीं जा सकी है, इसलिए इस काल का पूरा विवरण हमें स्पष्ट नहीं मिल पाया।
यह काल पैग़तीहासिक (Prehistoric) और ऐतिहासिक (Historic) युग के बीच का समय होता है। इस काल में लोग लिपि का उपयोग तो करने लगे थे, लेकिन वह लिपि अब तक पढ़ी नहीं जा सकी है, इसलिए इस काल का पूरा विवरण हमें स्पष्ट नहीं मिल पाया।
मुख्य विशेषताएँ:
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इस युग में सभ्यताएँ उभरने लगीं, जैसे सिन्धु घाटी सभ्यता।
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लोग शहरों में बसने लगे।
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कृषि, व्यापार, बर्तन निर्माण, धातु प्रयोग आदि की शुरुआत हो चुकी थी।
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लिपि का उपयोग हुआ लेकिन आज भी उसे सही तरह से पढ़ा नहीं जा सका (जैसे हड़प्पा लिपि)।
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इस काल की जानकारी हमें पुरातात्त्विक खोजों (archaeological discoveries) से मिलती है।
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इस युग में सभ्यताएँ उभरने लगीं, जैसे सिन्धु घाटी सभ्यता।
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लोग शहरों में बसने लगे।
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कृषि, व्यापार, बर्तन निर्माण, धातु प्रयोग आदि की शुरुआत हो चुकी थी।
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लिपि का उपयोग हुआ लेकिन आज भी उसे सही तरह से पढ़ा नहीं जा सका (जैसे हड़प्पा लिपि)।
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इस काल की जानकारी हमें पुरातात्त्विक खोजों (archaeological discoveries) से मिलती है।
उदाहरण:
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सिन्धु घाटी सभ्यता (Harappan Civilization) – यह प्रमुख प्रगतितिहासिक सभ्यता मानी जाती है।
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मेहरगढ़ और चालकोलिथिक स्थल (जैसे अहर, कायथा आदि)
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सिन्धु घाटी सभ्यता (Harappan Civilization) – यह प्रमुख प्रगतितिहासिक सभ्यता मानी जाती है।
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मेहरगढ़ और चालकोलिथिक स्थल (जैसे अहर, कायथा आदि)
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